“ओस की बूंदे है, आंख में नमी है,
ना उपर आसमां है ना नीचे जमीन है
ये कैसा मोड है जिन्दगी का..
जो लोग खास है उन्की की कमी हैं ”
💕💞
मैंने रब से कहा वो मुझे छोड़ के चले;
पता नहीं उसकी क्या मजबूरी थी;
रब ने कहा इसमें उसका कोई कसूर नहीं;
यह कहानी तो मैंने लिखी ही अधूरी थी।💞
हमारी अधूरी कहानी ….
There is a adhuri kahani in may a lives.
Well expressed..
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yes indeed 😌😌
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